Back to Top

Marham Video (MV)




Performed By: Sonu Nigam
Featuring:
Length: 3:56
Written by: VIBHAS, ABHENDRA KUMAR UPADHYAY




Sonu Nigam - Marham Lyrics
Official




[ Featuring ]

वो जो कभी सर्दियो में
धूप सी थी
गर्मियो में छाव सी
मौजूदगी तेरी कहा गयी
वो पतझड़ के मौसमो में
एक हर्याली सी जो लाए थे
वो बारिशे कहाँ चली गयी
अब आँखे मेरी तुझे ढूँढा करे
तू मिले ना अगर तो यह रोया करे
फ़ासले यह कम करू
मैं किसी तरह
दर्द में मरहम बनू
मैं किसी तरह
फ़ासले यह कम करू
मैं किसी तरह
दर्द में मरहम बनू
मैं किसी तरह

आ आ आ आ आ आ आ आ

मेरे माथे पे सिलवटे जो है
आके एन्हे मिटा दो ना
आँसू मेरे भटकते फिरते है
आके इन्हे पनाह दो ना
कुछ कमी सी है
कुछ नमी सी है
आँसुओ से भरा हू मैं
बंद तेरी आँखें जब से है
साँस रोके खड़ा हू मैं
साँस रोके खड़ा हू मैं
ज़ख़्म को तेरे भरू
मैं किसी तरह
दर्द में मरहम बनू
मैं किसी तरह

जिन दीवारो को साथ में
मेरे मिलके तूने सजाया था
उन दीवारो रंग ही नही
जो कभी तेरा साया था
मेरे आँगन में एक हँसी तेरी
जब कभी भी खनकती थी
गम सभी डोर होते थे
मेरे सारी खुशिया महकती थी
सारी खुशिया महकती थी
साथ में हार्दूम राहु
मैं किसी तरह
दर्द में मरहम बनू
मैं किसी तरह
[ Correct these Lyrics ]

[ Correct these Lyrics ]

We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.


We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.




वो जो कभी सर्दियो में
धूप सी थी
गर्मियो में छाव सी
मौजूदगी तेरी कहा गयी
वो पतझड़ के मौसमो में
एक हर्याली सी जो लाए थे
वो बारिशे कहाँ चली गयी
अब आँखे मेरी तुझे ढूँढा करे
तू मिले ना अगर तो यह रोया करे
फ़ासले यह कम करू
मैं किसी तरह
दर्द में मरहम बनू
मैं किसी तरह
फ़ासले यह कम करू
मैं किसी तरह
दर्द में मरहम बनू
मैं किसी तरह

आ आ आ आ आ आ आ आ

मेरे माथे पे सिलवटे जो है
आके एन्हे मिटा दो ना
आँसू मेरे भटकते फिरते है
आके इन्हे पनाह दो ना
कुछ कमी सी है
कुछ नमी सी है
आँसुओ से भरा हू मैं
बंद तेरी आँखें जब से है
साँस रोके खड़ा हू मैं
साँस रोके खड़ा हू मैं
ज़ख़्म को तेरे भरू
मैं किसी तरह
दर्द में मरहम बनू
मैं किसी तरह

जिन दीवारो को साथ में
मेरे मिलके तूने सजाया था
उन दीवारो रंग ही नही
जो कभी तेरा साया था
मेरे आँगन में एक हँसी तेरी
जब कभी भी खनकती थी
गम सभी डोर होते थे
मेरे सारी खुशिया महकती थी
सारी खुशिया महकती थी
साथ में हार्दूम राहु
मैं किसी तरह
दर्द में मरहम बनू
मैं किसी तरह
[ Correct these Lyrics ]
Writer: VIBHAS, ABHENDRA KUMAR UPADHYAY
Copyright: Lyrics © Universal Music Publishing Group

Back to: Sonu Nigam

Tags:
No tags yet