जाने की ज़िद्द ना करो
के मैं उदास हूँ
ठहरो ना दो घड़ी
के मैं ख़ास हूँ
देख जाओ के दम
निकलता है किस तरह
चीखता हैं दिल
सिसकता है किस तरह
सुन भी जाओ
सुन भी लो
अधूरी दास्तान
जाने की ज़िद्द ना करो
के मैं उदास हूँ
ठहरो ना दो घड़ी
के मैं ख़ास हूँ
जब झाँका दिल में तो
कोई भी नही था
प्यार पूरा था तो
आधा क्यू यकीन था
साँसें अब सोज़ हैं
जीना भी रोज़ हैं
अब तो इक बोझ हैं
अधूरी दास्तान
जाने की ज़िद्द ना करो
के मैं उदास हूँ
ठहरो ना दो घड़ी
के मैं ख़ास हूँ