हे गणपति शम्भु सुतवारी
आया हूँ मैं प्रभु शरण तिहारी
हे गणपति शम्भु सुतवारी
आया हूँ मैं प्रभु शरण तिहारी
आया हूँ मैं प्रभु शरण तिहारी
हे गणपति
सारा जग देवा तुझे पुकारे
आन बसो बप्पा मन में हमारे
दर पे हैं आए हे चक्रिणे
भक्तों के दुःख हरो हे हारिणे
सुनलो इतनी अरज हमारी
आया हूँ मैं प्रभु शरण तिहारी
हे गणपति
कोई कहे गौरीसुत कोई गजानन रे
मोहिनी लोचन निर्मल वैभव कानन रे
सिद्धि-बुद्धि के स्वामी हे कामिने
सद्गुण सुंदर हे पाप नासिने
हर लो जगत कि बाधा सारी
आया हूँ मैं प्रभु शरण तिहारी
हे गणपति शम्भु सुतवारी
आया हूँ मैं प्रभु शरण तिहारी
हे गणपति
अब तो दरस दिखा जा गणपति
नैना राह निहारे रे
पल पल छूटे समय की डोरी
मन बस तुझे पुकारे रे
तेरे दर को छोर गणेशा
किस दर को जाऊँ मैं
सारे जग को तज के देवा
बस तुझको ही पाऊँ मैं
मेरे मन की ये अभिलाषा
पूरी करने आजा रे
अब तो आजा देवा अब तो आजा रे