मन ये साहेब जी
जाने हे सब जी
फिर भी बनाये बहाने
नैना नवाबी जी
देखे है सब जी
फिर भी ना समझे इशारे
मन ये साहेब जी
हाँ करता बहाने
नैना नवाबी जी
न समझे इशारे
धीरे धीर नैनो को धीरे धीरे
जिया को धीरे धीरे
भायो रे साएबो
धीरे धीरे बेगाना धीरे धीरे
अपनासा धीरे धीरे
लागे रे साएबो ओ ओ
सुर्खियाँ हैं हवाओं में
दो दिलों के मिलने की
हाँ हाँ अर्ज़ियाँ हैं नज़ारों में
लम्हां ये थम जाने की
ओ कैसे हुज़ूरी जी ये लब दिखलाये
चुप्पी लगा के भी गज़ब है ये ढाये
धीरे धीरे नैनों को धीरे धीरे
जिया को धीरे धीरे