ये फूलों की खुशबू ये चाँदी सा पानी
महकती फिज़ा में लहकती जवानी
ये फूलों की खुशबू ये चाँदी सा पानी
महकती फिज़ा में लहकती जवानी
तुझे ढूंढती है हर एक रहगुज़र पर
अब आजा कि होगी तेरी मेहरबानी
उठी घाटियों से वो काली घटायें
चली गीत गाती ये भीगी हवायें
उठी घाटियों से वो काली घटायें
चली गीत गाती ये भीगी हवायें
छुआं सर्द झोकों ने आकर जो दामन
बरसने लगा तन भिगोने को पानी
ये फूलों की खुशबू ये चाँदी सा पानी
ये भँवरों का फूलों से यूँ प्यार करना
वो फूलों का हिल हिल के इनकार करना
ये भँवरों का फूलों से यूँ प्यार करना
वो फूलों का हिल हिल के इनकार करना
ये शाखों पे बैठी हुई चंद चिड़ियाँ
सुनाती हो जैसे कि बीती कहानी
ये फूलों की खुशबू ये चाँदी सा पानी