क्या ज़माना था के
हम रोज मिला करते थे
क्या ज़माना था के
हम रोज मिला करते थे
रात भर चाँद के
हम राह फिरा करते थे
क्या ज़माना था
जहाँ तन्हाइया सर
फोड़ के सो जाती हैं
जहाँ तन्हाइया सर
फोड़ के सो जाती हैं
इन मकानो में
अजब लोग रहा करते थे
इन मकानो में
अजब लोग रहा करते थे
रात भर चाँद के
हम राह फिरा करते थे
क्या ज़माना था
देख कर जो हुमें चुप
छाप गुज़ार जाता है
देख कर जो हुमें चुप
छाप गुज़ार जाता है
कभी इस सॅक्स को हम
प्यार किया करते थे
कभी इस सॅक्स को हम
प्यार किया करते थे
रात भर चाँद के
हम राह फिरा करते थे
क्या ज़माना था
इतफ़ाकते ज़माना
अजब हैं नसीर
इतफ़ाकते ज़माना
अजब हैं नसीर
आज वो देखा रहे
हैं जो सुना करते थे
आज वो देखा रहे
हैं जो सुना करते थे
रात भर चाँद के
हम राह फिरा करते थे
क्या ज़माना था के
हम रोज मिला करते थे
क्या ज़माना था