हम उनके पास आते हैं
वह हमसे दूर जाते हैं
तड़प कर दास्ताँ अपनी
बहारों को सुनाते हैं
बहारों को सुनाते हैं
हम उनके पास आते हैं
जबसे हमको प्यार हुआ है
जीना भी दुश्वार हुआ है
जीना भी दुश्वार हुआ है
सहारे जब ना पाते हैं
तोह फिर घबरा ही जाते हैं
तड़प कर दास्ताँ अपनी
बहारों को सुनाते हैं
बहारों को सुनाते हैं
हम उनके पास आते हैं
बिन तेरे वीरान रहा है
गुलशन का हर फूल ख़िज़ाँ है
गुलशन का हर फूल ख़िज़ाँ है
तुझे अरमां बुलाते हैं
नए तूफ़ान उठाते हैं
तड़प कर दास्ताँ अपनी
बहारों को सुनाते हैं
बहारों को सुनाते हैं
हम उनके पास आते हैं
दर्द में डूबी शाम न पूछो
आहों का अंजाम न पूछो
आहों का अंजाम न पूछो
शमा ग़म की जलाते हैं
अँधेरे बढ़ते जाते हैं
तड़प कर दास्ताँ अपनी
बहारों को सुनाते हैं
बहारों को सुनाते हैं
हम उनके पास आते हैं