नि सा सा सा सा सा रे सा
नि सा सा सा सा सा रे सा
अपना कौन पराया कौन
अपना कौन पराया कौन
अपनो ने वनवास दिया
अपनो ने वनवास दिया
श्री राम को सरजू पार
और पराया था जो केवट
बन गया हाथों की पतवार
कोई मन में रह के मन के
सौ सौ टुकड़े कर जाए
कोई मन से दूर हो फिर भी
यह मन सुख से भर जाए
आज है क्यूँ यह मन मौन आ आ
अपना कौन पराया कौन
हा हा हा हा हा
हा हा हा हा हा
हा हा हा हा हा
हा हा हा हा हा
आ आ आ आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ आ आ