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Dabe Paon Se Woh Video (MV)




Performed By: Vinod Rathod
Featuring: Sneha Pant,
Length: 6:04
Written by: ISMAIL DARBAR, MEHBOOB KOTWAL




Vinod Rathod - Dabe Paon Se Woh Lyrics
Official




[ Featuring Sneha Pant, ]

(?)

दबे पाँव से वो, मारे गाओं आयवा
चिट्ठी ना विट्ठी, बंद थी मुट्ठी
दबे पाँव से वो, मारे गाओं आयवा
चिट्ठी ना विट्ठी, बंद थी मुट्ठी
मुट्ठी खुली तो, ये भेद खुल गया

हे हे अनदेखा अंजाना
चुपके से चोरी करके चला, ए हा

ए हा

हाय कल तक था बेगाना
वो अपना देखो बनके चला, ए हा

ए हा

हो अनदेखा अंजाना
चुपके से चोरी करके चला
कल तक था बेगाना
वो अपना देखो बनके चला

अनदेखा अंजाना
चुपके से चोरी करके चला
कल तक था बेगाना
वो अपना देखो बनके चला

हे हे अनदेखा अंजाना
चुपके से चोरी करके चला

ए हा

तक धिनक धिन धिनक धिन धिनक धिन

हमने तो कुच्छ भी ना देखा सुना (सुना)
दोनो ने खुद को कब कैसे चुना
आ हा हमने तो कुच्छ भी
ना देखा सुना
ना देखा सुना
दोनो ने खुद को
कब कैसे चुना

हा कैसे चुना
कानो कन कुच्छ खबर ना हुई

निकले सयाने
हे निकले सयाने सयाने सयाने
हे निकले सयाने ये सौ सौ गुना

गहरी चल थी वो
क्या क्या कमाल थी वो
चिट्ठी ना विट्ठी, बंद थी मुट्ठी
मुट्ठी खुली तो, ये भेद खुल गया

हे हे हे अनदेखा अंजाना
चुपके से चोरी करके चला
हे हा

संजोग ये हैं तकडीरो का
इसमे ना किसी की हैं कोई खता
संजोग ये हैं तकडीरो का
इसमे ना किसी की हैं कोई खता
बिना माँगे हमको मिला ये मोती
तुमको भी तो
तुमको भी तो हा तुमको हा तुमको
हे तुमको भी तो एक हीरा मिला

ये कहारवा, डोली को उठाओ (हुन नाका हुन्ना हुन नाका हुन्ना)
चिट्ठी ना विट्ठी, बंद थी मुट्ठी
मुट्ठी खुली तो, ये भेद खुल गया

हे हे हे हे हे हे हे हे
हे हे हे हे हे हे

(?)
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दबे पाँव से वो, मारे गाओं आयवा
चिट्ठी ना विट्ठी, बंद थी मुट्ठी
दबे पाँव से वो, मारे गाओं आयवा
चिट्ठी ना विट्ठी, बंद थी मुट्ठी
मुट्ठी खुली तो, ये भेद खुल गया

हे हे अनदेखा अंजाना
चुपके से चोरी करके चला, ए हा

ए हा

हाय कल तक था बेगाना
वो अपना देखो बनके चला, ए हा

ए हा

हो अनदेखा अंजाना
चुपके से चोरी करके चला
कल तक था बेगाना
वो अपना देखो बनके चला

अनदेखा अंजाना
चुपके से चोरी करके चला
कल तक था बेगाना
वो अपना देखो बनके चला

हे हे अनदेखा अंजाना
चुपके से चोरी करके चला

ए हा

तक धिनक धिन धिनक धिन धिनक धिन

हमने तो कुच्छ भी ना देखा सुना (सुना)
दोनो ने खुद को कब कैसे चुना
आ हा हमने तो कुच्छ भी
ना देखा सुना
ना देखा सुना
दोनो ने खुद को
कब कैसे चुना

हा कैसे चुना
कानो कन कुच्छ खबर ना हुई

निकले सयाने
हे निकले सयाने सयाने सयाने
हे निकले सयाने ये सौ सौ गुना

गहरी चल थी वो
क्या क्या कमाल थी वो
चिट्ठी ना विट्ठी, बंद थी मुट्ठी
मुट्ठी खुली तो, ये भेद खुल गया

हे हे हे अनदेखा अंजाना
चुपके से चोरी करके चला
हे हा

संजोग ये हैं तकडीरो का
इसमे ना किसी की हैं कोई खता
संजोग ये हैं तकडीरो का
इसमे ना किसी की हैं कोई खता
बिना माँगे हमको मिला ये मोती
तुमको भी तो
तुमको भी तो हा तुमको हा तुमको
हे तुमको भी तो एक हीरा मिला

ये कहारवा, डोली को उठाओ (हुन नाका हुन्ना हुन नाका हुन्ना)
चिट्ठी ना विट्ठी, बंद थी मुट्ठी
मुट्ठी खुली तो, ये भेद खुल गया

हे हे हे हे हे हे हे हे
हे हे हे हे हे हे

(?)
[ Correct these Lyrics ]
Writer: ISMAIL DARBAR, MEHBOOB KOTWAL
Copyright: Lyrics © Royalty Network

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