Back to Top

Bangal Ki Main Sham - O - Saher Video (MV)






Vinod Sehgal - Bangal Ki Main Sham - O - Saher Lyrics
Official




बंगाल की मैं शाम-ओ-सहर देख रहा हूँ
बंगाल की मैं शाम-ओ-सहर देख रहा हूँ
हर चंद के हूँ दूर मगर देख रहा हूँ
हर चंद के हूँ दूर मगर देख रहा हूँ
इफ़लास की मारी हुई मख़लूक सर-ए-राह
इफ़लास की मारी हुई मख़लूक सर-ए-राह
बेगोर-ओ-क़फ़न ख़ाक बसर देख रहा हूँ
बेगोर-ओ-क़फ़न ख़ाक बसर देख रहा हूँ
इन्सान के होते हुए इन्सान का ये हश्र
इन्सान के होते हुए इन्सान का ये हश्र
देखा नहीं जाता है मगर देख रहा हूँ
देखा नहीं जाता है मगर देख रहा हूँ
रहमत का चमकने को है फिर नैयिर-ए-ताबां
रहमत का चमकने को है फिर नैयिर-ए-ताबां
होने को है इस शब की सहर देख रहा हूँ
होने को है इस शब की सहर देख रहा हूँ
बंगाल की मैं शाम-ओ-सहर देख रहा हूँ
हर चंद के हूँ दूर मगर देख रहा हूँ
[ Correct these Lyrics ]

[ Correct these Lyrics ]

We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.


We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.




बंगाल की मैं शाम-ओ-सहर देख रहा हूँ
बंगाल की मैं शाम-ओ-सहर देख रहा हूँ
हर चंद के हूँ दूर मगर देख रहा हूँ
हर चंद के हूँ दूर मगर देख रहा हूँ
इफ़लास की मारी हुई मख़लूक सर-ए-राह
इफ़लास की मारी हुई मख़लूक सर-ए-राह
बेगोर-ओ-क़फ़न ख़ाक बसर देख रहा हूँ
बेगोर-ओ-क़फ़न ख़ाक बसर देख रहा हूँ
इन्सान के होते हुए इन्सान का ये हश्र
इन्सान के होते हुए इन्सान का ये हश्र
देखा नहीं जाता है मगर देख रहा हूँ
देखा नहीं जाता है मगर देख रहा हूँ
रहमत का चमकने को है फिर नैयिर-ए-ताबां
रहमत का चमकने को है फिर नैयिर-ए-ताबां
होने को है इस शब की सहर देख रहा हूँ
होने को है इस शब की सहर देख रहा हूँ
बंगाल की मैं शाम-ओ-सहर देख रहा हूँ
हर चंद के हूँ दूर मगर देख रहा हूँ
[ Correct these Lyrics ]
Writer: Jigar Muradabadi, Jagjit Singh
Copyright: Lyrics © Royalty Network

Back to: Vinod Sehgal

Tags:
No tags yet