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Vital Signs - Wo Koun Thi Lyrics



Vital Signs - Wo Koun Thi Lyrics
Official




वो कौन थी
तमाम शहर उस के हुस्न में गुम था
वो क्या गयी
के फिर तो मुस्तक़िल फ़िज़ा का मौसम था
वो कौन थी
तमाम शहर उस के हुस्न में गुम था
हाँ वो क्या गयी
के फिर तो मुस्तक़िल फ़िज़ा का मौसम था
वो ख्वाब थी नींद थी खुस्बु थी
क्या थी वो
क्या थी वो
वो कौन थी
तमाम शहर उस के हुस्न में गुम था
हाँ वो क्या गयी
के फिर तो मुस्तक़िल फ़िज़ा का मौसम था

किसी से ना मिलती
ना वो बात करती
मगर मुस्कराहट
निगाहों में होती
वो आई थी जैसे
कहीं आसमान से
किसी कहकशां से
ना जाने कहाँ से
जाने कहाँ से
हो वो कौन थी
तमाम शहर उस के हुस्न में गुम था
वो क्या गयी
के फिर तो मुस्तक़िल फ़िज़ा का मौसम था

वो आँचल समइते
किताबें उठाए
चली जा रही है
निगाहें छुपाए
बोहत शोक़ से मैं
क़रीब उसके जाता
वो नज़रें दिखाती
तो कुछ कह ना पाता
कुछ कह ना पाता

जाने क्या था उन आँखो में
दिल की दिल में रह गयी

वो कौन थी
तमाम शहर उस के हुस्न में गुम था
हाँ वो क्या गयी
के फिर तो मुस्तक़िल फ़िज़ा का मौसम था
वो ख्वाब थी नींद थी खुस्बु थी
क्या थी वो
क्या थी वो
वो कौन थी
तमाम शहर उस के हुस्न में गुम था
हाँ वो क्या गयी
के फिर तो मुस्तक़िल खीज़न का मौसम था
हाँ वो कौन थी
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वो कौन थी
तमाम शहर उस के हुस्न में गुम था
वो क्या गयी
के फिर तो मुस्तक़िल फ़िज़ा का मौसम था
वो कौन थी
तमाम शहर उस के हुस्न में गुम था
हाँ वो क्या गयी
के फिर तो मुस्तक़िल फ़िज़ा का मौसम था
वो ख्वाब थी नींद थी खुस्बु थी
क्या थी वो
क्या थी वो
वो कौन थी
तमाम शहर उस के हुस्न में गुम था
हाँ वो क्या गयी
के फिर तो मुस्तक़िल फ़िज़ा का मौसम था

किसी से ना मिलती
ना वो बात करती
मगर मुस्कराहट
निगाहों में होती
वो आई थी जैसे
कहीं आसमान से
किसी कहकशां से
ना जाने कहाँ से
जाने कहाँ से
हो वो कौन थी
तमाम शहर उस के हुस्न में गुम था
वो क्या गयी
के फिर तो मुस्तक़िल फ़िज़ा का मौसम था

वो आँचल समइते
किताबें उठाए
चली जा रही है
निगाहें छुपाए
बोहत शोक़ से मैं
क़रीब उसके जाता
वो नज़रें दिखाती
तो कुछ कह ना पाता
कुछ कह ना पाता

जाने क्या था उन आँखो में
दिल की दिल में रह गयी

वो कौन थी
तमाम शहर उस के हुस्न में गुम था
हाँ वो क्या गयी
के फिर तो मुस्तक़िल फ़िज़ा का मौसम था
वो ख्वाब थी नींद थी खुस्बु थी
क्या थी वो
क्या थी वो
वो कौन थी
तमाम शहर उस के हुस्न में गुम था
हाँ वो क्या गयी
के फिर तो मुस्तक़िल खीज़न का मौसम था
हाँ वो कौन थी
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Writer: SHOAIB MANSOOR, VITAL SIGNS
Copyright: Lyrics © Royalty Network

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Vital Signs - Wo Koun Thi Video
(Show video at the top of the page)


Performed By: Vital Signs
Length: 5:08
Written by: SHOAIB MANSOOR, VITAL SIGNS

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