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Sidhe Pahad Se Video (MV)




Performed By: Void
Featuring:
Length: 2:58
Written by: Gaurav Mankoti




Void - Sidhe Pahad Se Lyrics
Official




[ Featuring ]

अपनी ज़िंदगी सरल, गाओं मे है घर
मुझमे सबर, तुझको खबर
अपने ख्वाबों को पूरा करने का सफ़र
दुनिया जानती तेरा भाई, पहाड़ो की आवाज़
थोड़ा वक़्त लगा मुझको लेकिन हम भी तो नवाज़.
सीधे पहाड़ से, सीधे पहाड़ से
दिल से लिखा गीत, नही लिखा मैने हाथ से
सीधे पहाड़ से, सीधे पहाड़ से
ठंडी इस फ़िज़ाए ना ये फिसले मेरे हाथ से
सीधे पहाड़ से, सीधे पहाड़ से
दर नही लगता यहाँ पे शेर की दहाड़ से
सीधे पहाड़ से, सीधे पहाड़ से
और दाजू
पहाड़ो का ये प्यार, हुमारे खून मह बसा
वाडीओ की आँखों मह कुछ अलग ही नशा
अब सुन दादा यहाँ पे उड़ते इन फ़िज़ाओं को
दूर जाना पड़े फिर्भी दिल वहीं फसा
बचपन में मा बोलती थी की, बेटा थोड़ा तेज़ होज़ा
लोग बेच खाएँगे वरना, सीधे सादे दिल मे सोचा
पर असर ना हुआ दिल मे, जैसी होती कई
फ़िल्मे
गया अपनी feelings सीलने, end में तूफ़ानो से मिलने
जहाँ पे घर वो है शेरो का इलाक़ा
साई में साई में, देखा एक शेर, जब मैने झका
अपनी खिड़की से, जल्दी से, मे check करने को भगा
की अची तरीके से मेरा बंद तो है दरवाजा (बंद है)
बादलो के उपर आके कभी मुझसे मिल
नाम की tension ना लो, i am that guy from the hills
तुम बोलते जिसको जन्नत मे बोलता घर
कभी आना तो दाजू खिलाएँगे वहाँ की हवा जम कर

और दाजू सीधे पहाड़ से, सीधे पहाड़ से
दर नही लगता यहाँ पे शेर की दहाड़ से
सीधे पहाड़ से, सीधे पहाड़ से
ठंडी इस फ़िज़ाए ना ये फिसले मेरे हाथ से
हाँ तेरा भाई है पहाड़ से
क्या यहाँ पे सब को होश, शब्द कोष, जैसे मेरी है सकत सोच
रखत पॉच, हातों से तू वक़्त नोच
हारके ही तो सीखा मैना की, अपना नया तख्त खोज
अपनी देव भूमि, यहाँ सर भी हिं झुकते
और tracking चलना साथ bro, क्या चल तुझे घूमते
करते काम नही आराम, यहाँ पे नही चाहिए alarm
ये तो पंछी उठा देते सुबह खुद लेके तेरे नाम
और सच बोलूं तो मेरी 80 साल की दादी, काई बार
40 साल के लोगो से भी ज़्यादा चल ही जाती
उन्हे पसंद है आज़ादी, हसती, बताती
मुझे और मेरे छोटे भाई को, की अपनी याद है सताती
15 साल की उमर मह लिखा था मैने पहला गीत
दिल का शोर था, बाद मह बन गया खुद संगीत
दिल कभी मेरा भरा, और कभी aunty भी
आज void refrejating hills, strate on too
सीधे पहाड़ से, सीधे पहाड़ से
दिल से लिखा गीत, नही लिखा मैने हाथ से
सीधे पहाड़ से, सीधे पहाड़ से
ठंडी इस फ़िज़ाए ना ये फिसले मेरे हाथ से
सीधे पहाड़ से, सीधे पहाड़ से
दर नही लगता यहाँ पे शेर की दहाड़ से
सीधे पहाड़ से, सीधे पहाड़ से और दाजू
I am that guy from the hills baby talking from skills
And you like chill braking to the rules
I am that guy from the hills baby talking from skills
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अपनी ज़िंदगी सरल, गाओं मे है घर
मुझमे सबर, तुझको खबर
अपने ख्वाबों को पूरा करने का सफ़र
दुनिया जानती तेरा भाई, पहाड़ो की आवाज़
थोड़ा वक़्त लगा मुझको लेकिन हम भी तो नवाज़.
सीधे पहाड़ से, सीधे पहाड़ से
दिल से लिखा गीत, नही लिखा मैने हाथ से
सीधे पहाड़ से, सीधे पहाड़ से
ठंडी इस फ़िज़ाए ना ये फिसले मेरे हाथ से
सीधे पहाड़ से, सीधे पहाड़ से
दर नही लगता यहाँ पे शेर की दहाड़ से
सीधे पहाड़ से, सीधे पहाड़ से
और दाजू
पहाड़ो का ये प्यार, हुमारे खून मह बसा
वाडीओ की आँखों मह कुछ अलग ही नशा
अब सुन दादा यहाँ पे उड़ते इन फ़िज़ाओं को
दूर जाना पड़े फिर्भी दिल वहीं फसा
बचपन में मा बोलती थी की, बेटा थोड़ा तेज़ होज़ा
लोग बेच खाएँगे वरना, सीधे सादे दिल मे सोचा
पर असर ना हुआ दिल मे, जैसी होती कई
फ़िल्मे
गया अपनी feelings सीलने, end में तूफ़ानो से मिलने
जहाँ पे घर वो है शेरो का इलाक़ा
साई में साई में, देखा एक शेर, जब मैने झका
अपनी खिड़की से, जल्दी से, मे check करने को भगा
की अची तरीके से मेरा बंद तो है दरवाजा (बंद है)
बादलो के उपर आके कभी मुझसे मिल
नाम की tension ना लो, i am that guy from the hills
तुम बोलते जिसको जन्नत मे बोलता घर
कभी आना तो दाजू खिलाएँगे वहाँ की हवा जम कर

और दाजू सीधे पहाड़ से, सीधे पहाड़ से
दर नही लगता यहाँ पे शेर की दहाड़ से
सीधे पहाड़ से, सीधे पहाड़ से
ठंडी इस फ़िज़ाए ना ये फिसले मेरे हाथ से
हाँ तेरा भाई है पहाड़ से
क्या यहाँ पे सब को होश, शब्द कोष, जैसे मेरी है सकत सोच
रखत पॉच, हातों से तू वक़्त नोच
हारके ही तो सीखा मैना की, अपना नया तख्त खोज
अपनी देव भूमि, यहाँ सर भी हिं झुकते
और tracking चलना साथ bro, क्या चल तुझे घूमते
करते काम नही आराम, यहाँ पे नही चाहिए alarm
ये तो पंछी उठा देते सुबह खुद लेके तेरे नाम
और सच बोलूं तो मेरी 80 साल की दादी, काई बार
40 साल के लोगो से भी ज़्यादा चल ही जाती
उन्हे पसंद है आज़ादी, हसती, बताती
मुझे और मेरे छोटे भाई को, की अपनी याद है सताती
15 साल की उमर मह लिखा था मैने पहला गीत
दिल का शोर था, बाद मह बन गया खुद संगीत
दिल कभी मेरा भरा, और कभी aunty भी
आज void refrejating hills, strate on too
सीधे पहाड़ से, सीधे पहाड़ से
दिल से लिखा गीत, नही लिखा मैने हाथ से
सीधे पहाड़ से, सीधे पहाड़ से
ठंडी इस फ़िज़ाए ना ये फिसले मेरे हाथ से
सीधे पहाड़ से, सीधे पहाड़ से
दर नही लगता यहाँ पे शेर की दहाड़ से
सीधे पहाड़ से, सीधे पहाड़ से और दाजू
I am that guy from the hills baby talking from skills
And you like chill braking to the rules
I am that guy from the hills baby talking from skills
[ Correct these Lyrics ]
Writer: Gaurav Mankoti
Copyright: Lyrics © O/B/O DistroKid

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