अगर ये हुस्न मेरा प्यार के शोलो मे ढल जाए
अगर ये हुस्न मेरा प्यार के शोलो मे ढल जाए
तो फिर इंसान है क्या चीज़ पथ्थर भी पिघल जाए
तो फिर इंसान है क्या चीज़ पथ्थर भी पिघल जाए
तो पथ्थर भी पिघल जाए
भरी महफ़िल मे हर कोई
मुझे अपना समझता है मेरी महफ़िल का ना पुछों आलम
कोई शोला है तो कोई शबनम है शोक दीदार यहा है सब को
दिल का अगार यहा है सब को सब मेरे प्यार के मस्ताने है
सब मेरे हुस्न के दीवाने है
तगाज़ा हुस्न का ये है सभी को
एक नज़र देखु यहा देखु वहा देखु
इधर देखु उधर देखु
क्योकि भरी महफ़िल मे हर कोई
मुझे अपना समझता है अगर मैं एक तरफ देखु तो
दीवानो मे चल जाए अगेर ये हुस्न मेरा प्यार के
शोलो मे ढल जाए तो फिर इंसान है
क्या चीज़ पथ्थर भी पिघल जाए तो पथ्थर भी पिघल जाए
अचानक अपने चेहरे से उठा दू
मैं अगर परदा सुर्खिया है मेरे उपकारो पर
जैसे कुछ फूल हो अंगारो पर एक मोंमा है जवानी मेरी
सारी दुनिया है दीवानी मेरी लोग आते है तमन्ना लेके
किस की हिम्मत है जो मुझको देखे
नज़र वाले खफा होकर जो कहते है
तो कह मैं दू मुनासिब है
की अपने हुस्न को पर्दे मे रहने दू
क्यूकी अचानक अपने चहरे से उठा दू
मैं अगर परदा कोई बेहोश हो जाए
किसी का दम निकल जाए अगर ये हुस्न मेरा प्यार के
शोलो मे ढल जाए तो फिर इंसान है
क्या चीज़ पथ्थर भी पिघल जाए तो पथ्थर भी पिघल जाए