थोड़ा उनके बारे में भी सोचिए
जो सारा दिन दफ़्तरों में रहते है
थोड़ा उनके बारे में भी सोचिए
जो बेवजह प्यार से हस्स देते है
इतना क्या गुरूर है
आप किस नशे में चूर है
बात मेरी मानिए
हा थोड़ा इतिहास जानिए
ज़माने गवाह है यह हुआ है कितनी बार
मूह के बल गिरी है बड़ी से बड़ी सरकार
थोड़ा दिल लगाने की भी सोचिए लोगो से
वो अपने दिल ही बिछा देंगे
काग़ज़ों की फ़िक्र ना कीजिए मैं कौन हू
पड़ोसी बता देंगे
लोग मजबूर है यह कोई इम्तिहान ज़रूर है
थोड़ी कद्र कीजिए
इतने हल्के में ना लीजिए
ज़माने गवाह है यह हुआ है कितनी बार
मूह के बल गिरी है बड़ी से बड़ी सरकार